काबुल, 26 अगस्त। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर लगातार दो फिदायीन हमले हुए, इसमें 12 अमेरिकी सैनिकों समेत 80 लोग मारे गए हैं। साथ ही दर्जनों लोगों के घायल होने की सूचना है। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक, अब तक 80 लोग मारे जा चुके हैं और 200 से ज्यादा जख्मी हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आतंकी संगठन आईएसआईएस के खुरासान ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल कैनेथ मैकेंजी ने कहा है कि मरने वालों में 12 मरीन कमांडो शामिल हैं, जबकि 15 घायल हैं। काबुल एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशन्स बंद कर दिए गए हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा कि गुरुवार को हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला ब्लास्ट हुआ। कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट के नजदीक बैरन होटल के पास दूसरा धमाका हुआ। यहां ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे। एयरपोर्ट के बाहर तीन संदिग्धों को देखा गया था। इसमें से दो आत्मघाती हमलावर थे, जबकि तीसरा बंदूक लेकर आया था। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल एयरपोर्ट हमले की निंदा करते हुए कहा कि सैनिकों की मौत बेहद दुखद है, दूसरों की जान बचाने में अमेरिकी सैनिकों का बलिदान हम कभी भुलेंगे नहीं और ना ही माफ करेंगे। हम आतंकियों को ढूंढकर मारेंगे। सैनिकों के परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे और अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे, हमारा मिशन जारी रहेगा, जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त फौज भी भेजेंगे।
तालिबान ने कहा यह आतंकी हमला
तालिबान ने इसे आतंकी हमला बताया है। एयरपोर्ट पर एक शख्स ने बताया कि उसकी गोद में ही उसके बच्चे की मौत हो गई।
एयरपोर्ट पर लगातार हो रही है फायरिंग
सीएनएन के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को हमले की जानकारी दे दी गई है। एयरपोर्ट पर लगातार फायरिंग की भी सूचना मिल रही है। एक अधिकारी ने कहा कि इस घटना में कई अफगानी मारे गए हैं। कई घायल भी हैं। पेंटागन ने भी फिदायीन हमले की पुष्टि की है।
तालिबान ने दी थी अमेरिका को चेतावनी
इससे पहले तालिबान ने अमेरिका को चेताया था कि 31 अगस्त तक वह किसी भी हाल में वह देश छोड़ दे। अमेरिका ने भी तय समय सीमा में देश से सेना हटाने की बात कही थी, हालांकि आज ही व्हाइट हाउस ने 31 के बाद भी जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने का ऐलान किया था। अमेरिका ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी सेना का मिशन पूरा करने की 31 अगस्त की डेडलाइन के बाद भी काबुल एयरपोर्ट को खुला रखा जा सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है काबुल एयरपोर्ट से ऑपरेशन जारी रखने को लेकर कोशिशें जारी हैं और देखना है कि दूसरे देश इसमें भूमिका निभा पाते हैं या नहीं।
पहले ही जताई गई थी आतंकी हमले की आशंका
काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। इस बीच अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने आज ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का बड़ा खतरा बताते हुए अपने नागरिकों से कहा है कि फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर नहीं जाएं और जो लोग एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं वहां से तुरंत हट जाएं। काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा था कि जो अमेरिकी काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर मौजूद हैं, वे फौरन वहां से हट जाएं और अगले निर्देश का इंतजार करें। वहीं ब्रिटेन ने आशंका जताई थी कि आईएसआईएस काबुल एयरपोर्ट पर हमला कर सकता है।
फ्रांस कल से काबुल से एयरलिफ्ट बंद करेगा
अमेरिका, ब्रिटेन और भारत समेत कई देश काबुल से लोगों को निकालने में जुटे हैं। इस बीच फ्रांस ने फैसला लिया है कि वह 31 अगस्त की डेडलाइन से चार दिन पहले ही यानी शुक्रवार से अपनी उड़ानें बंद कर देगा। रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक के मुताबिक फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने कहा है कि शुक्रवार रात के बाद काबुल एयरपोर्ट से इवैक्युएशन फ्लाइट ऑपरेट नहीं कर पाएंगे।
इटली के विमान पर भी हुई थी फायरिंग
बता दें कि इस आत्मघाती हमले से कुछ देर पहले काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इटली के एक विमान पर भी फायरिंग हुई थी। इस विमान में 100 अफगानी शरणार्थी सवार थे।
पूजा-अर्चना:
सीएम ने मां बगलामुखी मंदिर में शीश नवायाअंशदान:
पुलिस के ऑर्केस्ट्रा हार्मनी ऑफ द पाइंस की टीम ने सुख आश्रय कोष में दिए दो लाखशीश नवाया:
सीएम ने तारा देवी मंदिर में की पूजा-अर्चनाभेंटवार्ता:
मुख्यमंत्री से मिले पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्माभेंटवार्ता:
मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और एआईसीसी प्रदेश सचिव तेजिंदर पाल सिंह बिट्टू से की भेंट