नई दिल्ली, 06 अक्तूबर। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बुधवार को बताया कि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, यह तय किया गया है कि नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलाव अकादमिक सत्र 2022-23 से लागू किए जाएंगे।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमू्र्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल एश्वर्या भाटी की दलीलों को रिकॉर्ड में रखा और उन विद्यार्थियों की याचिकाओं का निपटान किया जिन्होंने इस वर्ष से नीट-सुपर स्पेशियलिटी के परीक्षा पैटर्न में बदलावों को लागू करने के केंद्र के पहले के फैसले को चुनौती दी थी।
पीठ ने कहा कि परीक्षा के पैटर्न में किए गए बदलावों की वैधता के सवाल पर वह कुछ नहीं कह रही है। मंगलवार को, शीर्ष अदालत ने केंद्र को अपने तरीके में सुधार लाने का और नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 में किए गए बदलावों को वापस लेने पर निर्णय लेने का केंद्र को एक आखिरी मौका दिया था।
नाराज शीर्ष अदालत ने कहा था कि चिकित्सा पेशा और शिक्षा एक व्यवसाय बन गया है, और अब, चिकित्सा शिक्षा का नियमन भी उस तरह से हो गया है जो देश की त्रासदी है। जुलाई में परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद अंतिम समय में बदलाव करने के लिए केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा दी गई दलील से शीर्ष अदालत संतुष्ट नहीं थी।
शीर्ष अदालत उन 41 स्नातकोत्तर चिकित्सकों और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 13 और 14 नवंबर को होने वाली परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद पाठ्यक्रम में अंतिम क्षणों में किए गए बदलाव को 23 जुलाई को चुनौती दी थी।
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