नई दिल्ली, 01 नवंबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण और उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं है। सभी प्रकार के पटाखों के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ विभिन्न व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने कहा कि याचिकाकर्ता को किसी भी राहत के लिए उच्चतम न्यायालय या हरित अधिकरण जाना होगा।
न्यायमूर्ति ने कहा कि ‘कृपया उच्चतम न्यायालय के पास जाएं। उच्चतम न्यायालय पहले से ही इस मामले में आज सुनवाई कर रहा है। स्पष्टीकरण लें। (उच्च न्यायालय) गलत मंच है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित करें। वे विशेषज्ञ हैं।’ दिल्ली के बाहर उपयोग के लिए अपने गोदाम में पड़े पटाखे बेचने की अनुमति मांगने वाले व्यापारियों ने न्यायमूर्ति सचदेव की बात सुनने के बाद अपनी याचिका वापस ले ली।
अदालत ने कहा कि ‘अगर कोई क्षेत्र ‘ए’ से आता है जहां वायु गुणवत्ता अच्छी है, और इसकी (पटाखों) बिक्री दिल्ली में होगी, यह उच्चतम न्यायालय और एनजीटी के आदेश के विपरीत है।’ उन्होंने कहा कि ‘पहली नजर में एनजीटी और उच्चतम न्यायालय के आदेश याचिकाकर्ताओं के रास्ते में आ रहे हैं। विकल्प यह है कि उसे (पटाखे) दिल्ली के बाहर बेचा जाए (जहां इसकी कानूनी अनुमति है)।’
यह ध्यान में रखते हुए कि महज तीन दिन बाद दीवाली है, अदालत ने इस स्पष्टीकरण के साथ याचिकाकर्ताओं को इसे वापस लेने की अनुमति दी है कि उसके समक्ष उठाए गए मुद्दे और पूर्ण प्रतिबंध की कानूनी वैधता को दी गई चुनौती का मामला अभी चल रहा है, बंद नहीं हुआ है।
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