नई दिल्ली, 12 जुलाई। हिमाचल प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विस उपाध्यक्ष खीमी राम ने पार्टी को बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कांग्रेस शामिल होने के बाद खीमी राम ने कहा कि वह उस पार्टी में शामिल होकर गौरान्वित महसूस कर रहे हैं, जिसने देश की स्वतंत्रता हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि वह बीजेपी से नाराजगी की वजह से कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को आगे ले जाने का फैसला सोच-समझकर लिया है। पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस राज्य में सरकार बनाएगी क्योंकि राज्य के लोग भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और पेंशन योजना सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर बेहद परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी विस चुनावों में वो राज्य के लोगों के समक्ष ये मुद्दे उठाएंगे और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में मदद करेंगे। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला ने खीमी राम का कांग्रेस में स्वागत किया और कहा कि यह राज्य में हवा के रुख का संकेत है। एआईसीसी के सचिव सुधीर शर्मा और तिजेंद्र बिट्टू भी इस मौके पर मौजूद थे।
ज्ञात रहे कि हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी नवंबर में चुनाव की बात कर चुके हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है। प्रदेश में कुल 68 विधानसभा की सीटे हैं।
यह है खीमी राम का राजनीतिक सफर
खीमी राम ने 1999 में राजनीति में प्रवेश किया और 2000 में जिला परिषद सदस्य के लिए अपना पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, वह जिला परिषद, कुल्लू के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए। 2003 में, उन्हें भाजपा ने बंजार विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया और वे पहली बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 में उन्होंने फिर से बंजार से चुनाव जीता और 2007 में उन्हें सर्वसम्मति से विधानसभा उपाध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2009 में उन्हें हिमाचल प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2011 में उन्हें मंत्रीपद मिला और वन विभाग का जिम्मा सौंपा गया। उन्हें पूर्व सीएम प्रो.प्रेम कुमार धूमल के करीबियों में जाना जाता है। वह वर्ष 2012 के चुनाव में हार गए थे और वर्ष 2017 में उनका टिकट काट दिया गया, इसके बाद वे अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे थे। इसी दौरान सितंबर 2021 को खमी राम ने अपने समर्थकों के साथ बैठक का आयोजन किया और आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की। आज कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर को नया मोड़ दे दिया है और आगामी विधानसभा चुनाव में बंजार से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मौदान में उतर सकते हैं।
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